कार्डियाक अरेस्ट क्या है?
कार्डियाक अरेस्ट किसी व्यक्ति के हृदय का संचालन अचानक रुकने से होता है। इसमें ज़रूरी नहीं कि उस व्यक्ति को पहले से कोई हृदय रोग हो या ना हो। यह आकस्मिक भी हो सकता है या अन्य लक्षणों के कारण भी। यदि तुरंत उचित कदम ना उठाएँ जाएँ तो कार्डियाक अरेस्ट अक्सर घातक भी हो सकता है।
क्या हार्ट अटैक (दिल का दौरा पड़ना) और कार्डियाक अरेस्ट (हृदय की -गति रुकना) एक समान है?
नहीं। कार्डियाक अरेस्ट की समझ के लिए अकसर “हार्ट अटैक” का गलत प्रयोग कर दिया जाता है। यूँ दिल का दौरा पड़ने से उसकी गति रुक सकती है, लेकिन दोनों परिस्थितियाँ एक-दूसरे से अलग हैं।
दिल का दौरा तब पड़ता है जब दिल में रक्त-संचार में रुकावट आ जाती है। हार्ट अटैक (यानि मायोकार्डियल इंफार्क्शन) का अर्थ होता है रक्त-संचार बंद होने के कारण हृदय की मांसपेशी के ऊतक (यानि टिशू) का मरना यानि क्षतिग्रस्त होना। हार्ट अटैक को “परिसंचरण” की समस्या के रूप में समझा जा सकता है। यह काफी गंभीर होता है, कभी-कभी घातक भी।
इसके विपरीत, कार्डियाक अरेस्ट तब होता है जब हृदय की विद्युत प्रणाली खराब हो जाती है। हृदय ठीक से धड़कना बंद कर देता है। इसी कारण इसका यह नाम हुआ: हृदय की पम्पिंग क्रिया में “रूकावट” आना, यानि रुकना।
कार्डियाक अरेस्ट में तुरंत सही औपचारिक कदम न उठाने पर मरीज की जल्द ही मृत्यु हो सकती है। कार्डियाक अरेस्ट का असर उल्टा किया जा सकता है यदि CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) अमल किया जाए और एक डिफिब्रिलेटर की मदद से हृदय को झटका देकर कुछ ही मिनटों में सामान्य धड़कन लौटायी जा सके।
कार्डियाक अरेस्ट तब होता है जब हृदय ठीक से काम नहीं करता और अचानक से धड़कना बंद कर देता है।
कार्डियाक अरेस्ट एक ‘विद्युतीय’ समस्या है।
कार्डियाक अरेस्ट हृदयमें एक विद्युतीय खराबी के कारण होती है जो धड़कन को अनियमित कर देती है (अर्रिदमिया)। नियमित पम्पिंग क्रिया रुकने से, हृदय मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों तक रक्त का संचार नहीं कर पाता।
- जितना आप सोच रहे हैं, उससे कहीं ज़्यादा आम हो गये हैं कार्डियाक अरेस्ट, और ये कभी भी किसी को भी हो सकता हैं।
- हर वर्ष करीब 383,000 आकस्मिक कार्डियाक अरेस्ट अस्पताल के बाहर होते हैं, और 88 प्रतिशत कार्डियाक अरेस्ट घर पर होते हैं।
- कार्डियाक अरेस्ट का लक्षण है अचानक बेहोश होना, जिस कारण मस्तिष्क में पर्याप्त रक्त-संचार नहीं हो पाता।
- हमारे देश में 80% से ज़्यादा आपातकालीन पीड़ित व्यक्तियों को इस नाज़ुक घड़ी में उपयुक्त चिकित्सकीय देखरेख नहीं मिल पाती और आँकड़े बताते हैं कि ऐसे आपातकालीन के 62% व्यक्ति 25 से 50 वर्ष की कर्मशील उम्र सीमा के होते हैं। यह हमारे देश के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण संसाधन और प्रशिक्षित कर्मचारी, की प्रमुख बर्बादी का कारण है।
- आकस्मिक कार्डियाक अरेस्ट के लक्षण तुरंत आते हैं, यह विनाशक होते हैं, और उनमें शामिल हैं:
हृदय की अवस्थाएँ जिनके कारण आकस्मिक कार्डियाक अरेस्ट हो सकता
- कोरोनरी आर्टरी डिसीज़
- हार्ट अटैक
- एनलार्जड हार्ट (ह्रदय बड़ा होना)
- वैल्व्यूलर हार्ट डिसीज़
- कंजेनिटल हार्ट डिसीज (जन्मजात ह्रदय की बीमारी)
जोखिम कारक
- CAD का परिवार में इतिहास
- धूम्रपान
- उच्च रक्त-चाप
- रक्त में उच्च कोलेस्ट्रोल
- मोटापा
- मधुमेह
- सुस्त-मंद जीवनशैली
- अत्यधिक मद्यपान (दिन में दो ड्रिंक से ज़्यादा)
होता क्या है?
कुछ ही क्षणों में, व्यक्ति कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, साँस नहीं लेता, या सिर्फ हांफता है। यदि पीड़ित को कुछ ही मिनटों में उपचार नहीं मिलता, तो उसकी मृत्यु हो जाती है।